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- New Guidelines On Corona Virus । Central Government; People To Decide Delta Variant Come Or Not
वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किए जा चुके डेल्टा वैरिएंट और कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार ने मंगलवार को कुछ अहम बातें साझा की। कोविड टास्क फोर्स के चीफ डॉ. वीके पॉल ने कहा कि तीसरी लहर का आना या आना हमारे हाथ में है। इसमें ओवरऑल डिसिप्लिन मायने रखता है। उन्होंने कहा कि देश में मौजूद डेल्टा वैरिएंट का अप्रत्याशित व्यवहार भी महामारी की तस्वीर को बदल सकता है। जानिए, किन मुद्दों पर सरकार ने क्या कहा…
1. डेल्टा वैरिएंट पर वैक्सीन का असर
डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले देश के 12 राज्यों में सामने आए हैं। अभी तक ऐसा कोई साइंटिफिक डेटा हमारे पास मौजूद नहीं है, जिससे यह साबित होता हो कि डेल्टा प्लस वैरिएंट वैक्सीन की क्षमता को कम करता हो। इस पर अभी और स्टडी की जरूरत है। डेल्टा प्लस वैरिएंट अभी आया है और इसीलिए इसके बारे में वैज्ञानिक जानकारी अभी शुरुआती चरण में है। वैक्सीन पर इसके असर और संक्रमण की रफ्तार के बारे में सही ढंग से स्टडी की जरूरत है।
2. कोवैक्सिन और कोवीशील्ड प्रभावी
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिक परीक्षण में सामने आया है कि सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी हैं। ये वैक्सीन देश में मौजूद डेल्टा वैरिएंट पर भी असरदार हैं।
3. अनुशासन ही तीसरी लहर से बचाव
तीसरी लहर को लेकर कोई तारीख तय करना उचित नहीं होगा। ये सभी के अनुशासन और महामारी के खिलाफ हमारी प्रतिक्रिया पर निर्भर है। अनुशासन के जरिए हम किसी अप्रत्याशित कोरोना आउटब्रेक से देश को बचा सकते हैं। किसी लहर का आना य न आना अब हमारे हाथ में है। कोई लहर कितनी बड़ी होगी, ये टेस्टिंग और कंटेनमेंट स्ट्रैटजी, वैक्सीनेशन की रफ्तार और हमारे व्यवहार पर निर्भर करता है। कोरोना वायरस का अप्रत्याशित व्यवहार भी महामारी की तस्वीर को बदल सकता है।